Sitaare Zameen Par Review

Sitaare Zameen Par Movie कहानी:

गुलशन अरोड़ा (आमिर खान) एक घमंडी बास्केटबॉल कोच है जिसे मुख्य कोच को मुक्का मारने और शराब पीकर गाड़ी चलाने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। जेल की सजा की बजाय उसे कम्युनिटी सर्विस की सजा मिलती है — जिसमें उसे मानसिक रूप से विशेष बच्चों की एक टीम को राष्ट्रीय बास्केटबॉल टूर्नामेंट के लिए प्रशिक्षित करना होता है। इसी प्रक्रिया में वह खुद की सोच और व्यवहार में बदलाव लाता है।

Sitaare Zameen Par Movie मूल विचार:

यह फिल्म 2007 की ‘Taare Zameen Par’ की आत्मिक अगली कड़ी कही जा सकती है, जहां उस समय डिस्लेक्सिया को केंद्र में रखा गया था, वहीं अब विषय थोड़ा बड़ा है — इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटी (ID)। फिल्म विशेष रूप से डाउन सिंड्रोम, इनविज़िबल ऑटिज़्म, और स्पीच इम्पेयरमेंट जैसी स्थितियों पर ध्यान देती है।

Sitaare Zameen Par Movie समावेशन का संदेश:

फिल्म बड़ी सादगी और गर्मजोशी से दर्शाती है कि मानसिक रूप से विशेष लोग सिर्फ दया के पात्र नहीं, बल्कि सक्षम, स्वतंत्र, और जिंदादिल होते हैं। फिल्म का संवाद, “हमारी किस्मत हाथों पर नहीं, क्रोमोज़ोम पर लिखी होती है,” न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से सटीक है, बल्कि भावनात्मक भी।

Sitaare Zameen Par Movie भावनात्मकता के साथ हास्य:

फिल्म ID के विषय को ना तो उपदेशात्मक बनाती है, ना ही बोझिल। इसके बजाय, बच्चों के चरित्र उनके लक्षणों से आगे बढ़ते हैं:

  • बंटू (वेदांत शर्मा) का ईयर-स्ट्रोक करना,
  • गुड्डू (गोपीकृष्ण वर्मा) की जल-भय,
  • शर्माजी (ऋषि शहानी) की वाणी बाधा,
  • हरगोविंद (नमन मिश्रा) की हाई-फंक्शनिंग ऑटिज्म,

इन सबको सजीव, सजीव और वास्तविक रूप में दर्शाया गया है।

Sitaare Zameen Par Movie अभिनय:

  • Aamir Khan शुरुआत में असंवेदनशील, अहंकारी कोच के किरदार में नजर आते हैं, लेकिन जैसे-जैसे कहानी बढ़ती है, उनका किरदार धीरे-धीरे संवेदनशील बनता है — बिना अपनी ‘swag’ खोए।
  • Genelia Deshmukh अपनी भूमिका में ईमानदार हैं लेकिन उनका किरदार थोड़े और विस्तार की मांग करता है।
  • टीम के सभी युवा कलाकार (रियल में भी ID से पीड़ित) ने इतना सहज, जीवंत अभिनय किया है कि दिल जीत लेते हैं।

डॉली आहलूवालिया, बिजेन्द्र काला और गुरपाल सिंह अपने सहायक किरदारों में सशक्त समर्थन देते हैं।

Sitaare Zameen Par Movie निर्देशन और तकनीकी पक्ष:

निर्देशक R S Prasanna ने विषय की गंभीरता को बरकरार रखते हुए फिल्म को लाइट टच में रखा है। हालांकि, फिल्म की लंबाई थोड़ी खींची हुई लगती है और कुछ साइड प्लॉट्स — जैसे माँ और बटलर का एंगल — अनावश्यक हैं। एयरफेयर और फाइनल मैच की तैयारी जैसे कुछ दृश्य आसान और सरलीकृत लगते हैं।

लेकिन इन सबके बावजूद, फिल्म अपने मुख्य उद्देश्य को बखूबी निभाती है।


Sitaare Zameen Par Movie निष्कर्ष:

Sitaare Zameen Par सिर्फ एक खेल पर आधारित फिल्म नहीं है। यह उन लोगों की कहानी है जिन्हें समाज अक्सर नजरअंदाज कर देता है। यह फिल्म आपको हँसाती है, भावुक करती है और एक जरूरी संदेश देती है — समावेशिता और समानता का। इस फिल्म को आप अपने परिवार के साथ देख सकते है

मैं भी अपनी पूरी Heart Of Haryana टीम के साथ इस फिल्म को देखकर आया हूँ |


यह VR Panghal का निजी रिव्यू है। हर दर्शक का नजरिया अलग हो सकता है। कृपया हमें इस पर हेट न दें। धन्यवाद। इस फिल्म का ट्रेलर Aamir Khan Talkies चैनल पर उपलब्ध है।

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