Bhootni The Virgin Tree Movies Review

Bhootni The Virgin Tree Review: डर नहीं, हंसी में उलझी Bhootni की कहानी

Bhootni The Virgin Tree कहानी: कॉलेज कैंपस की भूतनी और वैलेंटाइन की मुसीबत

The Virgin Tree एक हॉरर-कॉमेडी फिल्म है जो कॉलेज कैंपस के एक रहस्यमयी पेड़ और उस पर रहने वाली आत्मा “मोहब्बत” (मौनी रॉय) की कहानी पर आधारित है। फिल्म में शंतनु (सनी सिंह), साहिल (बीयौनिक), और नासिर (आसिफ खान) दिल्ली के सेंट विन्सेंट कॉलेज में पढ़ते हैं, जहां हर वैलेंटाइन डे पर मोहब्बत की आत्मा जाग जाती है और होलिका दहन पर किसी की जान लेती है।

छात्र एक-एक कर मानसिक भ्रम, मिर्गी जैसे दौरे और आत्महत्या की घटनाओं का शिकार होने लगते हैं। तब कॉलेज प्रबंधन मदद मांगता है बाबा (संजय दत्त) से — जो एक पैराफिज़िसिस्ट हैं और अजीबोगरीब उपकरणों के साथ आत्मा को भगाने का मिशन लेते हैं।


Bhootni The Virgin Tree अभिनय और किरदार: हंसी आती है, लेकिन कहानी थमती नहीं

फिल्म में सनी सिंह, निकुंज लोटिया (बीयौनिक) और आसिफ खान की तिकड़ी कुछ अच्छे पंच देती है और उनकी आपसी बॉन्डिंग कुछ सीन में हंसी भी दिलाती है। लेकिन उनके किरदार पुराने सांचे में फंसे हुए लगते हैं। साहिल को सिर्फ गर्लफ्रेंड की तलाश है और नासिर उर्दू शायरी में खोया हुआ है।

संजय दत्त फिल्म के हाईलाइट हैं — “बाबा” के किरदार में वो फिट बैठते हैं और कुछ मजेदार डायलॉग्स भी उनकी झोली में हैं। फिल्म खुद पर भी हंसी उड़ाती है — मौनी रॉय की Naagin, संजय की Munna Bhai, और Stree जैसी फिल्मों पर चुटकी ली जाती है।

हालांकि संजय का बैकस्टोरी, जिसे नवनीत मलिक निभाते हैं, फिल्म के क्लाइमैक्स को जोड़ता है, लेकिन यह काफी जबरदस्ती और फिल्मी लगता है।


👻 डर कहां है? सिर्फ मेकअप और VFX का खेल

फिल्म का हॉरर फैक्टर बहुत कमजोर है। जब मोहब्बत आत्मा मानव रूप में शंतनु को फंसाने की कोशिश करती है तो फिल्म में थोड़ा थ्रिल आता है, लेकिन जैसे ही उसकी पहचान सामने आती है, वह बार-बार गायब होने लगती है — जिससे बाबा को कहानी में “काम करने का समय” मिल जाता है।

फिल्म के वीएफएक्स और मेकअप भी खास असर नहीं छोड़ते — कई जगह भूतनी का मेकअप इतना साधारण लगता है कि डर की जगह हंसी आ जाती है।


Bhootni The Virgin Tree निष्कर्ष: ना डराता है, ना हंसी पूरी तरह दिलाता है

The Virgin Tree एक ऐसी फिल्म है जो “Stree” जैसी सफल हॉरर-कॉमेडी फिल्मों के फॉर्मूले पर चलने की कोशिश करती है, लेकिन उसमें जान नहीं ला पाती। कहीं-कहीं हंसी जरूर आती है, लेकिन कहानी में झोल, कमजोर हॉरर और क्लाइमैक्स की प्रेडिक्टेबिलिटी फिल्म को औसत बना देती है।

अंतिम पंक्ति (अपना स्टाइल):

यह VR Panghal का निजी रिव्यू है। हर व्यक्ति का अपना एक नजरिया होता है। कृपया इसकी वजह से हमें हेट न दें। धन्यवाद। ट्रेलर Soham Rockstar Entertainment यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है |

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