Bhool Chuk Maaf Movie Review: प्यार, टाइम लूप और समाज की सीख

Bhool Chuk Maaf Movie Review in Hindi – टाइम लूप में फंसी मोहब्बत और ज़िम्मेदारी

Bhool Chuk Maaf कहानी: जब शादी से पहले ही फंस गया वक्त

Ranjan (Rajkummar Rao) और Titli (Wamiqa Gabbi) बनारस के दो जिद्दी प्रेमी हैं जो किसी भी हालत में शादी करना चाहते हैं। लेकिन जब उन्होंने हर संभव जुगाड़ लगाकर शादी की तैयारी कर ली — रंजन अचानक एक टाइम लूप में फंस जाता है। हर सुबह वो उसी दिन पर वापस पहुंच जाता है, जो उसकी शादी से एक दिन पहले का होता है।

इस उलझन के बीच सामने आती है एक गंभीर सच्चाई — क्या हम जिंदगी में सिर्फ जुगाड़ के सहारे सब कुछ पा सकते हैं?


Bhool Chuk Maaf बनारस की गलियों से लेकर समाज की गहराइयों तक

फिल्म का पहला हिस्सा थोड़ा खिंचा हुआ लगता है, जहां कई बेवजह के गाने और धीमी कहानी ध्यान भटकाते हैं। लेकिन दूसरा हिस्सा पूरी तरह से गेम चेंज करता है।

समाज पर व्यंग्य, आत्मकेंद्रित जीवन शैली और व्यक्तिगत जिम्मेदारी जैसे गंभीर विषयों को हास्य के ज़रिए बखूबी दिखाया गया है। यह वही फिल्म है जो हंसाते-हंसाते आपको सोचने पर मजबूर कर देती है — कि हमारे ‘जुगाड़’ का समाज पर क्या असर पड़ता है?


Bhool Chuk Maaf अभिनय: अनुभवी कलाकारों का असरदार योगदान

राजकुमार राव अपने जाने-पहचाने स्मॉल टाउन बॉय अंदाज में सहज लगते हैं। भले ही किरदार उन्हें कुछ नया करने का अवसर न दे, लेकिन वो रंजन के भोलेपन और खुदगर्जी दोनों को अच्छे से निभाते हैं।

वामीका गब्बी का किरदार डिट्ज़ी (थोड़ा सिरफिरा) जरूर है, लेकिन उसमें एक अलग किस्म की हिम्मत और सच्चाई है। उन्होंने अपने रोल को आत्मविश्वास के साथ निभाया है।

सीमा पाहवा, रघुबीर यादव, संजय मिश्रा और जाकिर हुसैन जैसे दिग्गज कलाकारों की मौजूदगी फिल्म में गहराई और असलियत का भाव लाती है।


Bhool Chuk Maaf संदेश: जुगाड़ से चलती है ज़िंदगी—but at what cost?

रंजन की आर्थिक लापरवाही, उसकी मां की अचार वाली बिजनेस और पिता की बेरोजगारी — इन सभी के जरिए फिल्म हमें आज की हकीकत दिखाती है।

फिल्म का सबसे मजबूत हिस्सा है इसका second half, जहां टाइम लूप का उपयोग केवल एक gimmick नहीं बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत बदलाव का जरिया बन जाता है।


📌 निष्कर्ष: रोमांस और कॉमेडी से लिपटी एक जरूरी बात

Bhool Chuk Maaf एक ऐसी फिल्म है जो शुरुआत में हल्की-फुल्की लव स्टोरी लगती है लेकिन आखिर में बहुत कुछ कह जाती है। अगर आपको टाइम-लूप जैसे कांसेप्ट पसंद हैं और समाज पर तीखा लेकिन सधा हुआ कमेंट चाहिए, तो यह फिल्म एक बार देखी जा सकती है।


अंतिम पंक्ति (अपना स्टाइल):

यह VR Panghal का निजी रिव्यू है। हर व्यक्ति का अपना एक नजरिया होता है। कृपया इसकी वजह से हमें हेट न दें। धन्यवाद। इसका ट्रेलर Maddock Films के ऑफिसियल चैनल पर उपलब्ध है |

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